Indian Railway Discount (भारतीय रेलवे छूट) : भारतीय रेलवे हर वर्ग के लिए जरूरी है, लेकिन बुजुर्गों के लिए यह किसी जीवनरेखा से कम नहीं। कोरोना के बाद जब वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली किराए में छूट बंद की गई थी, तब लाखों लोगों की जेब पर असर पड़ा। अब एक बार फिर से रेलवे में राहत की खबर आ रही है—सीनियर सिटीजंस और महिलाओं को फिर से किराए में छूट देने पर विचार चल रहा है। ये खबर न सिर्फ आर्थिक तौर पर मददगार है, बल्कि भावनात्मक रूप से भी राहत देने वाली है।
Indian Railway Discount : क्यों जरूरी है यह छूट?
- बुजुर्गों की आमदनी सीमित होती है – पेंशन या बच्चों पर निर्भर रहना।
- अक्सर मेडिकल या पारिवारिक कारणों से यात्रा करनी पड़ती है।
- महिलाएं खासकर अकेले या बच्चों के साथ यात्रा करती हैं, तो उन्हें छूट से सुविधा मिलती है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश में 60 साल से ऊपर के करोड़ों लोग रेलवे का नियमित रूप से इस्तेमाल करते हैं। उनके लिए यह छूट एक प्रकार की सामाजिक सुरक्षा है।
भारतीय रेलवे छूट : पहले कैसे मिलती थी छूट?
2019 तक वरिष्ठ नागरिकों को निम्नलिखित छूट मिलती थी:
श्रेणी | छूट प्रतिशत | उम्र की शर्त |
---|---|---|
पुरुष वरिष्ठ नागरिक | 40% | 60 वर्ष या उससे ऊपर |
महिला वरिष्ठ नागरिक | 50% | 58 वर्ष या उससे ऊपर |
महिलाओं (सभी उम्र की) | 25% (कुछ रूट्स पर) | विशेष ट्रेनों में |
लेकिन मार्च 2020 में COVID-19 महामारी के चलते ये सभी छूटें अस्थायी रूप से बंद कर दी गईं।
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अब क्या हो सकता है बदलाव?
खबरों के अनुसार, रेलवे मंत्रालय फिर से इस छूट को लागू करने की तैयारी में है। प्रस्ताव के अनुसार:
- पुरुष सीनियर सिटीजंस को 40% की छूट मिल सकती है।
- महिलाओं को 50% की छूट वापस मिलने की संभावना है।
- यह छूट चुनिंदा ट्रेनों और क्लासेस में लागू हो सकती है, जैसे स्लीपर और सैकंड क्लास।
रेलवे बोर्ड इस प्रस्ताव पर विचार कर रहा है और अंतिम फैसला जल्द लिया जा सकता है।
असल ज़िंदगी से जुड़ी कहानियाँ
रामदयाल शर्मा (65 वर्ष, आगरा) –
“मैं हर दो महीने में अपने पोते से मिलने भोपाल जाता हूं। पहले छूट से किराया आधा हो जाता था, अब पूरा देना पड़ता है। पेंशन से मुश्किल होती है। अगर छूट वापस आती है, तो बहुत बड़ी राहत मिलेगी।”
सरोज बाई (58 वर्ष, जयपुर) –
“मैं अकेली रहती हूं और हर त्योहार पर बेटी के पास दिल्ली जाती हूं। टिकट में छूट से हमेशा थोड़ी राहत मिलती थी। अब पूरा किराया देने में सोचती हूं दो बार।”
छूट से क्या होंगे फायदे?
- आर्थिक सहायता – बुजुर्गों और महिलाओं को सीधी राहत।
- यात्रा बढ़ेगी – अधिक लोग ट्रेनों से सफर करेंगे।
- परिवारिक जुड़ाव – अधिक यात्रा से पारिवारिक मेलजोल बढ़ेगा।
- स्वास्थ्य कारणों से यात्रा करना आसान – मेडिकल जांच या इलाज के लिए सफर करना आसान होगा।
क्या है सरकार की सोच?
रेलवे मंत्रालय का कहना है कि छूट को वापस लाने से पहले यह देखा जा रहा है कि इससे राजस्व पर कितना असर पड़ेगा। हालांकि, सामाजिक दृष्टि से सरकार इस पहल को जरूरी मानती है।
रेल मंत्री के हालिया बयान में भी यह संकेत मिला है कि सरकार इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाएगी।
मेरी अपनी राय और अनुभव
मेरे माता-पिता हर साल गाँव से शहर आते हैं हमारे साथ समय बिताने। पहले वे खुद टिकट बुक कर लेते थे क्योंकि छूट मिलने से उन्हें लगता था कि वो अब भी आत्मनिर्भर हैं। लेकिन जब से छूट हटी, उन्हें हम ही टिकट भेजते हैं। यह सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि मानसिक स्तर पर भी असर डालता है। अगर यह छूट दोबारा लागू होती है, तो बुजुर्गों को न सिर्फ आर्थिक राहत मिलेगी, बल्कि आत्मविश्वास भी मिलेगा।
ध्यान रखने योग्य बातें
- छूट लागू हो भी सकती है और आंशिक रूप से भी।
- सभी ट्रेनों में नहीं, खास वर्गों में ही छूट मिलेगी।
- ऑनलाइन टिकट बुकिंग में भी यह छूट ऑटोमैटिक जुड़ सकती है।
- एक वैलिड आईडी प्रूफ ज़रूरी होगा उम्र सत्यापित करने के लिए।
रेलवे में सीनियर सिटीजंस और महिलाओं के लिए किराए में छूट दोबारा लाने का विचार, एक सकारात्मक कदम है। यह न सिर्फ यात्रा को सुलभ बनाएगा बल्कि समाज में बुजुर्गों के प्रति सम्मान और सहयोग की भावना को भी बढ़ाएगा। उम्मीद है कि यह राहत जल्द ही जमीन पर दिखाई देगी और लाखों लोगों की जिंदगी को थोड़ा और आसान बनाएगी।